अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी IMF ने शुक्रवार को भारत की आर्थिक स्थिति की समीक्षा करते हुए एक रिपोर्ट जारी की। इसके मुताबिक, भारत पर लगातार कर्ज बढ़ता जा रहा है।
सरकार इसी रफ्तार से उधार लेती रही तो 2028 तक देश पर GDP का 100% कर्ज हो सकता है। ऐसा हुआ तो कर्ज चुकाना मुश्किल हो जाएगा।
भारत सरकार पर कुल कर्ज कितना है और बीते 9 साल में कितना बढ़ा है?
बिजनेस स्टैंडर्ड ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि सितंबर 2023 में देश पर कुल कर्ज 205 लाख करोड़ रुपए हो गया है। इसमें से भारत सरकार पर 161 लाख करोड़ रुपए, जबकि राज्य सरकारों पर 44 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा कर्ज है।
2014 में केंद्र सरकार पर कुल कर्ज 55 लाख करोड़ रुपए था, जो सितंबर 2023 तक बढ़कर 161 लाख करोड़ हो गया है। इस हिसाब से देखें तो पिछले 9 साल में भारत सरकार पर 192% कर्ज बढ़ा है। इसमें देश और विदेश दोनों तरह के कर्ज शामिल हैं।
इसी तरह अब अगर विदेशी कर्ज की बात करें तो 2014-15 में भारत पर विदेशी कर्ज 31 लाख करोड़ रुपए था। 2023 में भारत पर विदेशी कर्ज बढ़कर 50 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा हो गया है।
भारत में हर आदमी पर 9 साल में कितना रुपए कर्ज बढ़ा है?
सितंबर 2023 में देश पर कुल कर्ज 205 लाख करोड़ रुपए हो गया है। इनमें केंद्र और राज्य सरकारों के कर्ज शामिल हैं। भारत की कुल आबादी 142 करोड़ मान लें तो आज के समय में हर भारतीय पर 1.40 लाख रुपए से ज्यादा कर्ज है।
2004 में भारत सरकार पर कितना कर्ज था और साल-दर-साल ये कैसे बढ़ा है?
2004 में जब मनमोहन सिंह की सरकार बनी तो भारत सरकार पर कुल कर्ज 17 लाख करोड़ रुपए था। 2014 तक तीन गुना से ज्यादा बढ़कर ये 55 लाख करोड़ रुपए हो गया। इस समय भारत सरकार पर कुल कर्ज 161 लाख करोड़ रुपए है।