Amit Shah News: महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की सुरक्षा में गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। मुंबई पुलिस ने इस मामले में 53 वर्षीय एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जो बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ एक बैठक में बिना अनुमति घुस गया था। आरोपी की पहचान उत्तर प्रदेश के कानपुर निवासी शक्ति प्रकाश भार्गव के रूप में हुई है। आरोपी ने फर्जी मीडिया पहचान पत्र का सहारा लेकर शाह के हाई-सिक्योरिटी कार्यक्रम में प्रवेश किया था।
फर्जी मीडिया आईडी से घुसने की कोशिश
पुलिस के अनुसार, आरोपी भार्गव ने रविवार को मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स स्थित एक होटल में हो रही अमित शाह की प्रेस कॉन्फ्रेंस में फर्जी मीडिया कार्ड का उपयोग करके घुसपैठ की। यह एक हाई-सिक्योरिटी कार्यक्रम था, जहां शाह की सुरक्षा व्यवस्था अत्यंत कड़ी थी। लेकिन इस सबके बावजूद, भार्गव ने खुद को एक पत्रकार के रूप में प्रस्तुत कर बैठक में घुसने का प्रयास किया।
स्टेज के पास पहुँच कर किया खुद पर हमला
जब भार्गव स्टेज के करीब पहुंचा, तो उसने अचानक अपने पास मौजूद धारदार हथियार से खुद पर हमला करने की कोशिश की। इस पर तुरंत सुरक्षा टीम ने सतर्कता दिखाते हुए उसे हिरासत में ले लिया। जांच के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि भार्गव एक फर्जी पत्रकार था और उसने पहचान छिपाने के लिए झूठा मीडिया कार्ड बनाया था।
आरोपी को तुरंत भेजा गया अस्पताल
सुरक्षाकर्मियों द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद, आरोपी के घायल होने के कारण उसे तत्काल इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया। इलाज के बाद जब पुलिस ने उससे पूछताछ की, तो यह पता चला कि जिस मीडिया हाउस का कार्ड उसने दिखाया था, उससे उसका कोई संबंध नहीं था। पुलिस ने उस अखबार के असली रिपोर्टर से भी पूछताछ की, जिससे पुष्टि हुई कि आरोपी का उस मीडिया संस्थान से कोई संबंध नहीं था।
आधार कार्ड से हुई असली पहचान
अस्पताल से वापस लाकर पुलिस ने आरोपी से और सख्ती से पूछताछ की। जब वह सही जवाब नहीं दे पाया, तो पुलिस ने उसके सामान की तलाशी ली, जिसमें से उन्हें एक आधार कार्ड मिला। इस आधार कार्ड से उसकी असली पहचान सामने आई, और उसका नाम शक्ति प्रकाश भार्गव था। पुलिस के अनुसार, आरोपी की उम्र 54 साल है, और वह कानपुर का रहने वाला है।
इन धाराओं में दर्ज हुई FIR
मुंबई पुलिस ने आरोपी शक्ति प्रकाश भार्गव के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। इनमें धारा 340 (झूठी जानकारी), 336 (दूसरों की जान को खतरे में डालना), 329 (आत्महत्या का प्रयास) और अन्य धाराएं शामिल हैं। पुलिस द्वारा आरोपी के इस गंभीर अपराध की जांच की जा रही है, और उसकी मंशा जानने का प्रयास किया जा रहा है।
निष्कर्ष
यह घटना न केवल मुंबई की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि किस प्रकार फर्जी पहचान पत्र और झूठी जानकारियों के जरिये लोग उच्च सुरक्षा वाले कार्यक्रमों में घुसपैठ करने में सफल हो सकते हैं। ऐसे मामलों में पुलिस को और सतर्कता बरतनी होगी, ताकि इस प्रकार की घटनाओं से बचा जा सके।