PM Kisan Nidhi: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आगामी बजट तैयारियों के तहत शनिवार को किसानों और कृषि क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। इस चर्चा में किसानों ने सरकार से सस्ता और दीर्घकालिक लोन, कम टैक्स, और पीएम-किसान आय सहायता योजना के तहत मिलने वाली राशि को दोगुना करने जैसी मांगें रखीं।
अगर सरकार बजट में पीएम-किसान की राशि को 6,000 रुपये से बढ़ाकर 12,000 रुपये करती है, तो इससे 9 करोड़ से अधिक किसानों को सीधा लाभ होगा। गौरतलब है कि अक्टूबर 2023 में 18वीं किस्त के तहत 9.4 करोड़ किसानों के खातों में 20,000 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए थे।
बैठक में हुई विस्तृत चर्चा
दो घंटे तक चली इस बैठक में कृषि क्षेत्र की चुनौतियों और उनकी संभावित रणनीतियों पर चर्चा हुई। इसमें वित्तीय राहत, बाजार सुधार, और रणनीतिक निवेश जैसे मुद्दों पर गहराई से विचार किया गया। भारत कृषक समाज के चेयरमैन अजय वीर जाखड़ ने किसानों की उत्पादकता और कल्याण बढ़ाने के लिए लक्षित हस्तक्षेप की आवश्यकता पर जोर दिया।
किसानों की प्रमुख मांगें
सस्ता कृषि ऋण:
किसानों ने कृषि ऋणों पर ब्याज दर को घटाकर 1 प्रतिशत करने की मांग की।पीएम-किसान योजना में बढ़ोतरी:
किसानों ने पीएम-किसान की वार्षिक किस्त को 6,000 रुपये से बढ़ाकर 12,000 रुपये करने का अनुरोध किया।जीएसटी छूट:
हितधारकों ने कृषि मशीनरी, उर्वरक, बीज, और दवाओं पर जीएसटी से पूर्ण छूट की मांग की।कीटनाशकों पर कर में कमी:
पीएचडी चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने कीटनाशकों पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने का सुझाव दिया।लक्षित निवेश:
अजय वीर जाखड़ ने चना, सोयाबीन और सरसों जैसी फसलों के लिए वार्षिक 1,000 करोड़ रुपये के निवेश की रणनीति पेश की, ताकि राष्ट्रीय कृषि उत्पादकता में वृद्धि हो सके।
एमएसपी पर व्यापक समीक्षा की मांग
भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रणाली में सुधार का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि एमएसपी की गणना में भूमि किराया, कृषि मजदूरी, और कटाई के बाद के खर्चों को शामिल किया जाना चाहिए।
सरकार का रुख
बैठक में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी और वित्त तथा कृषि मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। उन्होंने किसानों को उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया। विशेषज्ञों का मानना है कि आगामी बजट में सरकार किसानों के लिए कुछ बड़ी घोषणाएं कर सकती है, जिसमें पीएम-किसान योजना और एमएसपी सुधार प्रमुख हो सकते हैं।
सरकार और किसानों के लिए संभावित कदम
कृषि क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। इस बैठक से यह स्पष्ट होता है कि सरकार बजट 2024-25 में किसानों की बेहतरी के लिए कुछ ठोस कदम उठाने की दिशा में है। अगर किसानों की मांगें पूरी होती हैं, तो इससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, बल्कि यह देश के कृषि क्षेत्र को भी नई ऊंचाइयों तक ले जा सकता है।
कृषकों को अब उम्मीद है कि यह बजट उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगा।