Jharkhand Politics: झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजों ने राज्य में विधायकों की आर्थिक स्थिति को लेकर रोचक आंकड़े उजागर किए हैं। ‘द झारखंड इलेक्शन वॉच’ और ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (एडीआर) द्वारा किए गए विश्लेषण के अनुसार, 81 विजयी उम्मीदवारों में से 71 विधायक करोड़पति हैं। यह संख्या 2019 के मुकाबले 20% अधिक है, जब 56 विधायकों ने करोड़पति होने की जानकारी दी थी।
सबसे अमीर विधायक: रामेश्वर उरांव
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोहरदगा से विधायक रामेश्वर उरांव, 42.20 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ, झारखंड के सबसे अमीर विधायक बनकर उभरे हैं। भाजपा के कुशवाहा शशि भूषण मेहता (32.15 करोड़ रुपये) और राजद के संजय प्रसाद यादव (29.59 करोड़ रुपये) क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं।
विधायकों की औसत संपत्ति में बड़ा उछाल
2024 में निर्वाचित विधायकों की औसत संपत्ति 6.90 करोड़ रुपये रही, जो 2019 में 3.87 करोड़ रुपये थी। यह संपत्ति में लगभग 78% वृद्धि को दर्शाता है।
पार्टियों के करोड़पति विधायक
- झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो): 28 विधायक।
- भारतीय जनता पार्टी (भाजपा): 20 विधायक।
- कांग्रेस: 14 विधायक।
- राष्ट्रीय जनता दल (राजद): 4 विधायक।
- भाकपा (माले) लिबरेशन: 2 विधायक।
- लोजपा (रामविलास), जद (यू), और आजसू पार्टी: 1-1 विधायक।
सबसे गरीब विधायक: जयराम कुमार महतो
डुमरी से झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलकेएम) के विधायक जयराम कुमार महतो के पास केवल 2.55 लाख रुपये की संपत्ति है। यह उन्हें राज्य के सबसे गरीब विधायक के रूप में स्थापित करता है।
देनदारियों और संपत्ति वृद्धि के आंकड़े
- 14 विजयी विधायकों ने 1 करोड़ रुपये से अधिक की देनदारियों की घोषणा की है।
- 42 पुनर्निर्वाचित विधायकों की औसत संपत्ति में पिछले पांच वर्षों में 2.71 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है।
शैक्षणिक योग्यता और महिला प्रतिनिधित्व
- 28 विधायकों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता 8वीं और 12वीं कक्षा के बीच घोषित की है।
- 50 विधायकों ने स्नातक या उससे अधिक की डिग्री हासिल की है।
- 12 महिलाएं इस बार विधायक बनीं, जो 2019 की 10 महिला विधायकों के मुकाबले एक सकारात्मक प्रगति है।
राजनीतिक परिदृश्य
2024 के चुनाव में झामुमो ने 34 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि कांग्रेस ने 16, राजद ने 4 और भाकपा (माले) लिबरेशन ने 2 सीटें जीतीं। दूसरी ओर, भाजपा ने 21 सीटें जीतीं और उसके सहयोगी दलों—लोजपा (रामविलास), जद (यू), और आजसू पार्टी—ने 1-1 सीटें हासिल कीं।
क्या कहते हैं ये आंकड़े?
झारखंड में विधायकों की संपत्ति में हो रही बढ़ोतरी कई सवाल खड़े करती है। क्या यह राज्य में आर्थिक असमानता का संकेत है, या राजनीति में धन का प्रभाव बढ़ने का प्रमाण? जहां करोड़पति विधायकों की संख्या बढ़ रही है, वहीं गरीब जनता के प्रति उनकी जिम्मेदारियों पर भी सवाल उठना स्वाभाविक है।
झारखंड के राजनीतिक और आर्थिक परिदृश्य में यह ट्रेंड एक गहन चर्चा का विषय है, जो जनता की अपेक्षाओं और विधायकों के दायित्वों के बीच सामंजस्य की जरूरत को रेखांकित करता है।