Paper Leak: मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके सवाई माधोपुर विधायक डॉ. किरोड़ी लाल मीणा एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। वे बुधवार दोपहर करीब सवा दो बजे एसओजी ऑफिस पहुंचे। उन्होंने एसओजी के एडीजी वीके सिंह को तीन भर्ती एग्जाम आरएएस, REET और एसआई में हुए पेपर लीक के सबूत सौंपे। उन्होंने कहा- इन सबूत से एसओजी को बड़े मगरमच्छों को पकड़ने में काफी मदद मिलेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि एसओजी के कई अधिकारियों के कारण पेपरलीक के खेल का खुलासा नहीं हो पाया।
मीडिया से बातचीत में किरोड़ी ने कहा- उदयराम और सुरेश ढाका (सीनियर टीचर भर्ती पेपरलीक का मास्टरमाइंड) को एसओजी इंस्पेक्टर मोहन पोसवाल ने फरार करवा रखा है। मैं एडीजी को कहकर आया हूं, जिस दिन उदयराम और सुरेश ढाका पकड़े जाएंगे। पूर्ववर्ती सरकार के आधा दर्जन से ज्यादा नेता पकड़ में आएंगे, जिन्होंने पेपरलीक करवाया है। उदयराम और सुरेश के पास कई जानकारी है, जिनकी गिरफ्तारी जल्द से जल्द करने के लिए कहा है।
किरोड़ी ने कहा- आरपीएससी चेयरमैन संजय श्रोत्रिय ने भी कई कबाड़े किए हैं, उसकी भी जानकारी एडीजी को दी गई है। उन्होंने कहा- आरएएस-2021 की मुख्य परीक्षा के पेपर लीक में शिवसिंह राठौड़ और उत्तर पुस्तिकाओं की जांच प्राइवेट लोगों के हाथों में देकर भ्रष्टाचार करने में RPSC के वर्तमान अध्यक्ष संजय श्रोत्रिय की भूमिका है।
पोसवाल ने अपना मोबाइल जब्त नहीं किया
किरोड़ी ने कहा- कॉन्स्टेबल भर्ती मामले में हुई धांधली को लेकर कोर्ट ने मोहन पोसवाल से पूछा था कि उनको जानकारी कहां से मिली तो मोहन ने कहा कि मेरे मोबाइल पर वॉट्सऐप मैसेज आया था। कोर्ट ने कहा कि क्या आपने अपना मोबाइल जब्त किया, तो पोसवाल ने कहा- जब्त नहीं किया। कोर्ट ने पूछा कि सूचना किसने दी। पोसवाल ने कहा कि मुझे यह जानकारी उदयराम ने दी।
नेताओं के फोन पर एसओजी के अधिकारियों ने काम किया
किरोड़ी ने कहा- एसओजी के उन अधिकारियों की गिरफ्तारी मांग की गई है, जिन लोगों ने राजस्थान के युवाओं के साथ खिलवाड़ किया। जिन नेताओं के फोन पर एसओजी के अधिकारियों ने काम किया, उनकी भी गिरफ्तारी होनी चाहिए। एसओजी ने कार्रवाई नहीं की तो मैं सत्याग्रह करूंगा।
उन्होंने कहा- पूर्ववर्ती सरकार ने जमकर नकल माफिया को पनपाया। एसओजी के अधिकारियों ने भी उनका साथ दिया है। एसओजी के उन अधिकारियों का नाम भी एडीजी एसओजी को देकर आया हूं, क्योंकि उनके इशारे पर ही पेपरलीक का यह खेल नहीं खुला, जबकि सैकड़ों की संख्या में लोग उस दौरान सड़क पर उतरे थे।
भूपेंद्र सारण का मिला था लेटर, एसओजी ने ली थी रिश्वत
किरोड़ी ने एक लेटर दिखाते हुए बताया कि मुझे यह लेटर 10 दिसंबर 2022 को डाक से मिला था। यह पेपरलीक के आरोपी भूपेंद्र सारण का है, जो जेल में है। इस लेटर में उसने यह बताया कि मुझसे एसओजी के लोगों ने रिश्वत के तौर पर 64 लाख रुपए लिए हैं, इसलिए मैंने कहा है ये सच्चा है। जब एसओजी मिल गई तो फिर कुछ नहीं बचने वाला है।
किरोड़ी ने बताया कि जो पत्र एसओजी के एडीजी को दिया गया है, उसमें तत्कालीन और वर्तमान अधिकारियों के नाम व जानकारी है। इन लोगों ने जिम्मेदार सीट पर बैठ कर कई बेगुनाहों को फंसाया और आरोपियों को छोड़ दिया। उन्होंने चेताया- यदि 15 दिन में इन अधिकारियों के खिलाफ एसओजी ने एक्शन नहीं लिया तो वह एसओजी के सामने बैठ कर सत्याग्रह करेंगे।
आरएएस परीक्षा में हेराफेरी के सबूत दिए
डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने आरएएस भर्ती परीक्षा के सबूत भी सौंपे हैं। डॉ. किरोड़ी ने बताया- उनके हाथ में एक कॉपी लगी है, जिसके हर पेज पर नॉट अटेम्प्ट लिखा हुआ है। इसका मतलब है कि जिस रोल नंबर की यह कॉपी है, उसने परीक्षा दी ही नहीं, लेकिन परीक्षा होने के बाद इस कॉपी को भरा गया और जांच करने वाले से उसे पास कराया गया। यह व्यक्ति अभी राजस्थान में आरएएस लगा हुआ है।
उन्होंने कहा- कांग्रेस सरकार ने ऐसे दर्जनों लोगों को आरएएस बनाया। उन्होंने बताया कि आरपीएससी के तत्कालीन चेयरमैन शिव सिंह राठौड़ ने ऐसा किया है, जिसकी जानकारी एडीजी को देकर आया हूं। किरोड़ी बोले- आरपीएससी के चेयरमैन संजय श्रोत्रिय ने भी उस समय जमकर कबाडे़ किए हैं। इसकी जानकारी भी एडीजी को दी है और कड़ी कार्रवाई के लिए कहा है।
आरएएस-2021 परीक्षा में ये पॉइंट डॉ. किरोड़ी ने एसओजी को सौंपे
आरएएस-2021 की मुख्य परीक्षा के पेपर लीक में शिवसिंह राठौड़ की भूमिका और उत्तर पुस्तिकाओं की जांच प्राइवेट लोगों के हाथों में देकर भ्रष्टाचार करने में वर्तमान अध्यक्ष संजय श्रोत्रिय की भूमिका है।
भूपेंद्र यादव 1 दिसंबर 2021 को सेवानिवृत हुए और 2 दिसंबर 2021 को शिवसिंह राठौड़ को कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त किया गया। ऐसे में आरएएस-2021 की मुख्य परीक्षा के प्रश्न-पत्र तैयार करने की जिम्मेदारी स्वतः ही शिवसिंह राठौड़ पर आ गई।
शिवसिंह राठौड़ ने कार्यवाहक अध्यक्ष बनने के बाद 18 दिसंबर 2021 को अपने टि्वटर (X) अकांउट से एक ट्वीट किया। ट्वीट आरएएस-2021 की मुख्य परीक्षा के प्रश्न-पत्र द्वितीय के खंड-स भूगोल का 13वां प्रश्न है, जो कि 10 अंक का था यानी शिवसिंह राठौड़ ने आरएएस-2021 की मुख्य परीक्षा के प्रश्न पत्रों को पैसे लेकर अपने चहेतों को बेचा।
संजय श्रोत्रिय को आरपीएससी अध्यक्ष 16 फरवरी 2022 को नियुक्त किया, जो वर्तमान में भी कार्यरत है।
रीट में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष डी.पी. जारोली ने रामकृपाल मीणा, प्रदीप पाराशर राजीव गांधी स्टडी सर्किल के निजी शिक्षकों को जिम्मेदारी दी। इस कारण रीट का पेपरलीक हुआ। उसी तर्ज पर संजय श्रोत्रिय ने भी निजी कॉलेजों के शिक्षकों को आरएएस-2021 की मुख्य परीक्षा की कॉपी जांचने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दे डाली।
आरएएस मुख्य परीक्षा का तृतीय पेपर लोक प्रशासन विषय के यूनिट-2, जो 65 अंक का है। उस प्रश्न-पत्र को अनुभवहीन शिक्षकों को जांचने की जिम्मेदारी दी।
ओटीएस से सेवानिवृत आर. के. चौबीसा को लोक प्रशासन के प्रश्नों को कॉपी जांचने का हेड कॉर्डिनेटर बनाया गया। जिसने लोक प्रशासन के प्रश्नों को जांचने की जिम्मेदारी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर की बजाय प्राइवेट कॉलेज की अनुभवहीन शिक्षक रीटा माथुर को दी।
प्राइवेट कॉलेजों के शिक्षक रीटा माथुर, मनीषा माथुर, इंदु शर्मा, अर्चना मिश्रा, रूपाली भदौरिया, पवन शर्मा, प्रीति अग्रावत को RAS मुख्य परीक्षा की कॉपी जांचने की जिम्मेदारी दी।
इसी प्रकार सभी प्रश्न-पत्रों की जांचने की जिम्मेदारी निजी कॉलेजों के शिक्षकों को दी गई।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आरएएस-2021 की मुख्य परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं को अंकों में हेराफेरी करवाने की मंशा से दोनों बार निजी संस्थाओं से जुड़े शिक्षकों से जांच करवाई गई।
आरएएस परीक्षा-2018 में तत्कालीन अध्यक्ष शिवसिंह राठौड़ की भूमिका पर संदेह
किरोड़ी ने आरएएस-2018 भर्ती परीक्षा को लेकर भी सवाल उठाया। उन्होंने बताया कि 13 जुलाई 2021 को इसका रिजल्ट घोषित करना था। इसके बाद आरटीआई के तहत कॉपी को वेबसाइट पर अपलोड करने का काम करना था, लेकिन ये काम 6 महीने बाद यानी 2 दिसंबर 2021 को शिवसिंह राठौड़ के कार्यवाहक अध्यक्ष बनने के बाद किया गया। 17 दिसंबर 2021 को इसका नोटिफिकेशन जारी किया गया। इसके बाद ये कॉपी 10 जनवरी 2022 से 30 अप्रैल 2022 तक अपलोड की गई।
किरोड़ी ने आरोप लगाया कि शिवसिंह राठौड़ अपने चहते अभ्यर्थियों का मुख्य परीक्षा की उत्तर पुस्तिका जांच के दौरान अंक नहीं दे पाया तो उन्होंने छोडे़ गए प्रश्नों को अभ्यर्थियों द्वारा भरवाया और उन्हें अधिक अंक देने में कामयाब हुए, जिसका उदाहरण रोल नंबर 804088 की यह उत्तर पुस्तिका है।
RAS-2018 के परिणाम के बाद भी उत्तर पुस्तिकाओं में कई अभ्यर्थियों के द्वारा छोड़े गए प्रश्नों के उत्तर बाद में लिखवाए गए। उदाहरण के तौर पर रोल नंबर 804088 के आरएएस-2018 की मुख्य परीक्षा के प्रथम प्रश्न पत्र में 30 अंक से अधिक प्रश्नों में N.A (नॉट अटेम्प्ट) लिखा हुआ है। जब अभ्यर्थी अच्छे अंक/रैंक लाने में कामयाब नहीं हुआ तो तत्कालीन चेयरमैन शिवसिंह राठौड़ ने उत्तर पुस्तिका अपलोड कराने में जानबूझकर देरी की और परीक्षार्थी को उत्तर पुस्तिका उपलब्ध कराकर छूटे हुए प्रश्नों में उत्तर भरवाए।
इसके बाद उत्तर पुस्तिकाओं को अपलोड करवाया। अभ्यर्थी ने तत्कालीन चेयरमैन शिव सिंह राठौड़ को लिखित में इसकी शिकायत कर अपनी कॉपी की जांच करवाने की मांग की, जिसे शिवसिंह ने तुरंत मानकर कॉपी को दोबारा चेक करवाया। इसमें नंबर बढ़ने पर अभ्यर्थी अच्छी रैंक लाकर आरएएस बनने में कामयाब रहा।
शिवसिंह राठौड़ ने इंटरव्यू में किया भ्रष्टाचार
डॉ. किरोड़ी ने बताया- शिवसिंह राठौड़ की मंशा के अनुसार और कांग्रेस के बड़े नेताओं से मिलकर भूपेंद्र यादव को 13, 14, 15, 16 अप्रैल 2021 को फोर्स लीव पर भिजवाया। शिवसिंह की मंशा के अनुसार साक्षात्कार (इंटरव्यू) बोर्ड का अध्यक्ष बना और पैसे लेकर मुख्य परीक्षा में कम अंक प्राप्त करने वाले सैकड़ों अभ्यर्थियों को इंटरव्यू में रिकॉर्ड तोड़ 70% से 80% नंबर तक दिए। इनमें बड़े-बड़े नेताओं और अफसरों के रिश्तेदार शामिल हैं। उन्होंने ऐसे लोगों की कॉपियां जब्त कर सजा देने की मांग की है।
5 महीने पहले 400 कैंडिडेट की सौंप चुके लिस्ट
पांच महीने पहले किरोड़ी लाल मीणा ने एसओजी ऑफिस पहुंचकर एसआई भर्ती 2021 में नकल गिरोह से जुड़े सबूत पेश किए थे। उन्होंने एसओजी एडीजी वीके सिंह काे भर्ती में करीब 400 अभ्यर्थियों का पेपर लीक से फर्जी चयन होने के डॉक्युमेंट दिए। इसके अलावा उन्होंने आरएएस-2018 और 2021 में भी अभ्यर्थियों का फर्जी चयन होने का दावा करते हुए सबूत दिए और जांच की मांग उठाई थी।
गौरतलब है कि किरोड़ी लाल ने इससे पहले ईडी में भी जल जीवन मिशन घोटाले को लेकर दस्तावेज दिए थे। इसके बाद ईडी ने इस केस में एक के बाद एक बड़े ठेकेदारों और अधिकारियों को गिरफ्तार किया।
किरोड़ी लाल मीणा एसओजी ऑफिस पहुंचे तो वहां पर कुशलगढ़ से कांग्रेस विधायक रमिला खड़िया पहले से मौजूद थीं। एडीजी वीके सिंह के रूम में किरोड़ी लाल मीणा और रमिला खड़िया की मुलाकात हुई।