Bhool Bhulaiyaa 3 Movie: भूल भुलैया 3 का ट्रेलर आ चुका है, और इसे लेकर सोशल मीडिया पर चर्चाओं का माहौल गरम है। कई लोग इस ट्रेलर को पसंद कर रहे हैं, तो कुछ इसकी आलोचना कर रहे हैं। हमारी व्यक्तिगत राय में, यह ट्रेलर एक औसत स्तर का है। न तो इसमें डर की कोई गंभीरता है और न ही हंसी का मजा। फिर भी, यह ‘सिंघम अगेन’ की खिचड़ी से कहीं बेहतर है। यही कारण है कि हम इस ट्रेलर की कमियों पर चर्चा करते समय इसे थोड़ा कम कठोरता से लेने का प्रयास करेंगे।
1. तृप्ति डिमरी का फीका प्रदर्शन
तृप्ति डिमरी का नाम फिल्म के प्रमोशन में एक बड़ा आकर्षण था, लेकिन ट्रेलर में उनका प्रदर्शन अपेक्षाकृत कमजोर दिखा। यदि आप ‘विकी विद्या का वो वाला वीडियो’ का ट्रेलर देखें, तो पाएंगे कि तृप्ति का किरदार दोनों में एक समान है। उनके अभिनय में वो गहराई नहीं दिख रही है जिसकी उम्मीद थी। यह उनकी गलती नहीं है, बल्कि निर्देशक अनीस बज्मी की कमी है, जिन्होंने तृप्ति की क्षमता का सही इस्तेमाल नहीं किया। हमें आशा है कि फिल्म में तृप्ति ट्रेलर से कहीं बेहतर साबित होंगी।
2. माधुरी दीक्षित की ओवरएक्टिंग
माधुरी दीक्षित ने अपने करियर में कई बार बेहतरीन प्रदर्शन किया है, लेकिन इस ट्रेलर में उनकी भूतिया एक्टिंग कुछ खास नहीं है। जबकि विद्या का प्रदर्शन सामान्य है, माधुरी के चिल्लाने के दौरान उनकी ओवरएक्टिंग साफ झलकती है। सामान्य अभिनय में वे ठीक लगती हैं, लेकिन मंजुलिका के किरदार में उनकी अदा कुछ हद तक अत्यधिक हो जाती है। अगर यह पूरे फिल्म में चलता रहा, तो दर्शकों का मजा किरकिरा हो सकता है।
3. हॉरर और कॉमेडी दोनों अधकचरी
हॉरर-कॉमेडी फिल्म में न तो डर की कोई ठोस भावना है और न ही हास्य का कोई ज्वलंत तत्व। जब ट्रेलर डराने की कोशिश करता है, तो दर्शकों को हंसी आ जाती है। विद्या और माधुरी के किरदारों से कोई डर नहीं लग रहा है। इसके अलावा, कार्तिक आर्यन के संवाद भी कुछ खास प्रभाव नहीं डाल पाते।
4. साइड कैरेक्टर्स कैरीकेचर लग रहे हैं
अक्षय कुमार वाली ‘भूल भुलैया’ में साइड कैरेक्टर्स की छवि नई थी, लेकिन ‘भूल भुलैया 3’ में इनमें कोई नयापन नहीं नजर आता। संजय मिश्रा, राजपाल यादव और विजय राज जैसे तगड़े एक्टर्स की कोशिशें अच्छी हैं, लेकिन उनके किरदार वास्तविकता से थोड़े दूर लगते हैं। साइड कैरेक्टर्स का चित्रण एनिमेटेड और कैरीकेचर जैसा है, जो कभी-कभी हंसी तो लाते हैं, लेकिन उनके डायलॉग्स पर तरस आना स्वाभाविक है।
5. कमजोर VFX
ट्रेलर का VFX भी निराशाजनक है। अच्छे VFX में ऐसा अनुभव नहीं होना चाहिए कि तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, लेकिन यहां यह साफ नजर आ रहा है। उदाहरण के लिए, उड़ते हुए पक्षियों का दृश्य ही देखें। हमें आशा है कि फिल्म में अनीस बज्मी और उनकी टीम ने कुछ बेहतर करने की कोशिश की हो।
कुल मिलाकर, ‘भूल भुलैया 3’ का ट्रेलर एक मिश्रित अनुभव है। इसमें कुछ अच्छे तत्व हैं, लेकिन कई कमजोरियों के कारण यह औसत बना हुआ है। आगे देखना होगा कि फिल्म रिलीज होने पर ये कमियां कैसे नजर आती हैं।