Maharashtra Election 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का समय नजदीक आ रहा है और राज्य में राजनीतिक सरगर्मी चरम पर है। महायुति और महा विकास अघाड़ी, दोनों गठबंधनों के लिए बागी उम्मीदवारों ने सिरदर्द बढ़ा रखा था, लेकिन नामांकन वापसी के आखिरी दिन इन गठबंधनों को कुछ राहत मिली। सोमवार को 45 बागी उम्मीदवारों ने नामांकन वापस ले लिया, जिससे गठबंधन दलों को मजबूती मिल सकती है।
बड़े नेताओं के हस्तक्षेप से शांत हुए बागी
बागियों को मनाने के लिए दोनों गठबंधनों के बड़े नेताओं ने गंभीर प्रयास किए। बीजेपी और कांग्रेस के 10-10, एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना के 8, और अजित पवार गुट की एनसीपी के 6 बागी उम्मीदवारों ने अपने नाम वापस लिए। वहीं, उद्धव ठाकरे की शिवसेना-यूबीटी के 7 और शरद पवार गुट की एनसीपी-एसपी के 4 बागी उम्मीदवार भी मैदान से हट गए। इन सभी को पार्टी नेतृत्व ने कड़ा संदेश दिया कि यदि वे नामांकन वापस नहीं लेते, तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है। इन प्रयासों के बाद अधिकांश बागियों ने मैदान छोड़ दिया।
एनसीपी-एसपी के बागी पीछे हटे
एनसीपी और एसपी के 4 बागी उम्मीदवारों ने चुनावी मैदान छोड़ दिया। एनसीपी के बागियों को समझाने में पार्टी का एक बड़ा हिस्सा लगा रहा। अणुशक्ति नगर से सना मलिक के खिलाफ शिंदे गुट के प्रत्याशी अविनाश राणे ने अपना नाम वापस ले लिया। इसी प्रकार, डिंडोरी में नरहरि जिरवाल के खिलाफ धनराज महाले भी मैदान से हट गए। अजित पवार गुट की एनसीपी को समर्थन देते हुए उदगीर, पाथरी और वसमत में शिवसेना के उम्मीदवारों ने अपने पर्चे वापस ले लिए।
कुछ सीटों पर अभी भी है टकराव
बावजूद इसके, महायुति में 8 सीटें ऐसी हैं, जहां अजित पवार गुट के उम्मीदवारों के सामने बीजेपी या शिवसेना के उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। इनमें नवाब मलिक की सीट भी शामिल है। इसी प्रकार, महा विकास अघाड़ी में भी 14 सीटें ऐसी हैं, जहां गठबंधन के उम्मीदवार एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। इन सीटों पर बागियों के मैदान में होने से मुकाबला और कड़ा हो सकता है।
गोपाल शेट्टी ने भी नाम वापस लिया
बोरीवली सीट पर बीजेपी के बागी उम्मीदवार और पूर्व सांसद गोपाल शेट्टी के नामांकन ने काफी चर्चा बटोरी थी। बीजेपी के वरिष्ठ नेता पीयूष गोयल और विनोद तावड़े ने शेट्टी से मिलकर इस मुद्दे को सुलझाया। इसके बाद, शेट्टी ने पीयूष गोयल के साथ जाकर अपना नामांकन वापस लिया। इस घटनाक्रम ने महायुति को कुछ राहत दी है और चुनावी गणित को बेहतर किया है।
बागियों की वापसी से गठबंधनों को मिली राहत, पर असंतोष बना रहेगा
बागियों के नामांकन वापसी से महायुति और महा विकास अघाड़ी को कुछ राहत जरूर मिली है। हालांकि, जिन नेताओं को टिकट नहीं मिला, उनमें असंतोष की भावना अभी भी कायम है। यह असंतोष चुनाव के दौरान किस तरह से सामने आता है, यह देखना दिलचस्प होगा।
महाराष्ट्र की सभी 288 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे और 23 नवंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे।